18-Jan-2020 07:42 AM
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जोर अब शाखाओं को बढ़ाने पर रहेगा। युवा, महिलाओं, छात्रों को जोडऩे के साथ वनवासी परिवार में संघ का दायरा बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, केरल, पश्चिम बंगाल और असम में संघ का नेटवर्क बढ़ाया जाएगा। यह निर्णय एक निजी गार्डन में संघ प्रमुख मोहन भागवत की मौजूदगी में चल रही संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया। बैठक में नरेंद्र मोदी सरकार की राष्ट्रवादी नीतियों और कार्यों की प्रशंसा की गई और संघ व उससे जुड़े वैचारिक संगठनों का कार्यक्षेत्र ग्रामीण अंचल तक फैलाने का फैसला हुआ। एक अहम निर्णय सहकार्यवाह की संख्या बढ़ाने और भाजपा सहित अन्य अनुषंगी संगठनों में और प्रचारकों को भेजने का रहा। राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ट्रस्ट के गठन और उसमें संघ व विहिप की भूमिका पर भी बात हुई।
पहले दिन संघ प्रमुख भागवत और सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने प्रांतों के पदाधिकारियों से चर्चा की। परेशानियां पूछीं और समाधान भी मांगा। राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ संघ प्रमुख की अलग से चर्चा हुई। इस दौरान तीन बिंदुओं पर फोकस रहा। पहला, संबंधित राज्य में संघ को आ रही परेशानियों को जानना और समाधान, दूसरा संघ के विस्तार के लिए सालभर काम और तीसरा समाज में कैसे समन्वय स्थापित किया जाए। असम, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों के दौरे होंगे। शाखा संचालन और विस्तार के लिए लगातार काम होगा।
संघ सिर्फ बाढ़, भूकंप, सूखा या बड़े हादसे के दौरान ही सेवा कार्यों को सीमित नहीं रखेगा। समाज की दिन-प्रतिदिन की समस्याओं के निराकरण में भी संघ अहम भूमिका निभाएगा। देशभर में शाखाओं का ज्यादा विस्तार होगा। आदिवासी अंचल में नई शाखाएं शुरू होंगी। हर वर्ग को जोड़ा जाएगा। कार्य का विस्तार करेंगे। आम आदमी से सीधे जुड़ाव के लिए संघ परंपरा में बदलाव करने की सोच रहा है। ये बदलाव बड़े स्तर पर होंगे। संघ की अखिल भारतीय बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत और भैयाजी जोशी सहित प्रमुख पदाधिकारियों ने देशभर के अलग-अलग राज्यों से आए प्रतिनिधियों से वन-टू-वन चर्चा की। इस दौरान हर प्रांत के लिए अलग रणनीति तय की गई और वर्षभर के आयोजनों पर मुहर भी लगी। बैठक में दूसरे दिन भाजपा की ओर से राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष शामिल हुए। यह बात सामने आई है कि संघ प्रमुख भागवत और जोशी ने कुछ विषयों पर संतोष से अलग से चर्चा की। इस दौरान राम मंदिर, सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) और धारा 370 जैसे अहम मुद्दों पर सरकार के फैसलों की प्रशंसा की गई और कुछ सुझाव भी दिए गए। सूत्रों के मुताबिक, सीएए को लेकर संघ अब पूरी रणनीति और कार्ययोजना अपने हाथ में रखना चाहता है। वह इसे राष्ट्रवाद से जुड़ा मानकर देश के बड़े तबके को एकजुट करना चाहता है। यही वजह है कि भाजपा और केंद्र सरकार सीएए पर जागरूकता को लेकर जो काम कर रहे हैं, वह चलते रहेंगे, लेकिन संघ भी अपने स्तर पर स्वयंसेवकों के जरिए लोगों तक बात पहुंचाएगा।
भाजपा में बड़े बदलाव के संकेत भी मिले है। संघ की इंदौर में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई। बैठक में संघ नेताओं ने देश भर में भाजपा राज्य प्रभारियों की भूमिका पर चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव के एक साल बाद भाजपा में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। प्रदेश के प्रभारियों को बदला जाएगा। इनमें मध्यप्रदेश भी शामिल है। इसके अलावा दिल्ली, बिहार और पश्चिम बंगाल चुनाव पर भी बैठक में चर्चा की गई। संघ प्रमुख मोहन भागवत के सात दिनी प्रवास और बैठकों के दौर के बाद एक बात बिलकुल स्पष्ट हो गई है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नए साल का पहला एजेंडा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) ही होगा। बैठकों में यूं तो प्रांतवार प्रतिनिधियों से उनके क्षेत्र के बारे में बात की गई, पर संघ ने पूरा ध्यान इस बिंदु पर केंद्रित किया, जिसे वह दशकों से अपना कोर मुद्दा मानता आया है। राम मंदिर, धारा 370 के बाद नागरिकता संशोधन कानून पर संगठन ने व्यापक जनसमर्थन जुटाने की योजना बनाई है। इसके तहत अब एक व्यक्ति के बजाय पूरे परिवार को जोड़कर यह बताया जाएगा कि सीएए देश के लिए क्यों जरूरी है। बीते 15 दिन से शाखाओं में भी चर्चा का यह बड़ा मुद्दा है।
अब बेंगलुरु में होगी संघ की प्रतिनिधि सभा
इंदौर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मंथन बैठक में तय हुए विषयों के प्रस्तावों पर अब प्रतिनिधि सभा में मुहर लगेगी, जो मार्च में बेंगलुरु में होगी। उस बैठक में राम मंदिर निर्माण, नागरिकता कानून, सामाजिक समरसता, पर्यावरण सहित अन्य मुद्दों पर व्यापक स्तर पर चर्चा होगी। अलग-अलग प्रांतों से प्रतिनिधि सभा में डेढ़ हजार से ज्यादा पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। मंथन बैठक में नागरिकता कानून को लेकर जनजागरण करने की योजना तैयार की गई और उस पर तत्काल अमल करने को कहा गया। इसे देखते हुए मालवा प्रांत में तीन स्थानों पर नागरिकता कानून के समर्थन में तिरंगा मार्च भी निकाले गए। राम मंदिर निर्माण से जुड़ी तैयारियों को लेकर भी संघ के प्रमुख पदाधिकारी अनुषांगिक संगठनों के प्रतिनिधियों से चर्चा करेंगे। संघ की बैठक में तय हुआ कि देश में हाल ही में जो भी निर्णय हुए हैं, उन्हें लेकर नकारात्मक माहौल न बने। ऐसा होने पर संघ सोशल इंजीनियरिंग के जरिए निर्णयों पर जनसमर्थन जुटाए। सामाजिक समरसता को लेकर भी संघ और सहयोगी संगठन विभिन्न आयोजन करेंगे।
- विकास दुबे