18-Sep-2019 10:01 AM
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और पार्टी की प्रयोगशाला मप्र में भाजपा ने कांग्रेस सरकार को घेरने के लिए एक नया प्रयोग किया है। यानी 15 साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस को पिछले 8 माह में घेरने में विफल रही भाजपा ने चौथी पीढ़ी को सरकार को घेरने की जिम्मेदारी दी है। इसके लिए भारतीय जनता युवा मोर्चा 28 सितंबर से मंडल, संभाग, जिला और प्रदेश स्तर पर आंदोलन करेगा। जानकारों का मानना है की इस आंदोलन की एक वजह है पार्टी भारतीय जनता युवा मोर्चा के माध्यम से चौथी पीढ़ी के नेताओं को मुख्यधारा में लाने की कवायद। लेकिन इस अभियान में जमीनी युवा नेताओं को दरकिनार कर वरिष्ठ भाजपा नेताओं के पुत्रों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। दरअसल आंदोलन के नाम पर दिग्गजों के पुत्रों को राजनीति में लॉचिंग पैड तैयार किया गया है। इससे भाजपा के सक्रिय सामान्य कार्यकर्ताओं में निराशा और आक्रोश है।
भाजपा सूत्रों को कहना है कि विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा को मिली हार के बाद से ही आरएसएस इस बात पर जोर दे रहा था कि प्रदेश में पार्टी की चौथी पीढ़ी को महत्पवूर्ण जिम्मेदारी देकर सक्रिय किया जाए।
आरएसएस की सलाह पर अमल करते हुए भाजपा ने इस दिशा में कदम तो बढ़ाया है, लेकिन इसमें नेता पुत्रों को सबसे अधिक महत्व दिया है। इससे भाजपा का यह प्रयोग विवादों में पड़ गया है।
सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस की सरकार को गिराकर अपनी सरकार बनाने का प्रयास कर रहे भाजपा नेताओं को अब यह अहसास हो गया है कि सरकार गिराना अब उनके बस में नहीं है। इसलिए उन्होंने संगठित होकर अपने पुत्रों को लॉच करने की रणनीति बनाई है। इसके लिए भारतीय जनता युवा मोर्चा को माध्यम बनाया गया है। युवराजों की पॉलटिक्स में परफेक्शन लाने के लिए भारतीय जनता युवा मोर्चा ने 28 सितंबर से होने वाले आंदोलन की रूपरेखा तैयार की है। इसके तहत विगत दिनों प्रदेश भाजपा मुख्यालय में युवा मोर्चा की बैठक आयोजित की गई, जिसमें पार्टी के बड़े नेताओं के बेटे भी शामिल हुए। 6-7 घंटे चली बैठक में सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार की गई। रणनीति के तहत आंदोलन में लाठी-डंडे खाने की जिम्मेदारी नेता पुत्रों पर होगी। ताकि आगे चलकर जब ये अपने पिता की राजनीतिक विरासत को संभालेंगे तो कहने के लिए शायद यह तर्क होगा कि इनकी एयर ड्रॉपिंग नहीं हुई है। इन्होंने पार्टी के लिए संघर्ष किया है। कार्तिकेय चौहान ने बैठक में सुझाव दिया कि सीएम आवास का घेराव कर जनसमस्याओं को उजागर किया जाए।
युवा मोर्चा ने सरकार के खिलाफ आंदोलन करने के लिए एक समिति भी बनाई है। समिति में छह संयोजक और 31 सदस्य बनाए गए हैं। उस समिति में 10 नेता पुत्र हैं। समिति में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के विधायक पुत्र आकाश विजयवर्गीय, डॉ. गौरीशंकर शेजवार के पुत्र मुदित शेजवार, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पुत्र देवेंद्र प्रताप सिंह, डॉ. नरोत्तम मिश्रा के पुत्र सुकर्ण मिश्रा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा के पुत्र तुष्मूल झा, शिवराज सिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय सिंह चौहान, अर्चना चिटनीस के बेटे समर्थ, दीपक जोशी के पुत्र जयवर्धन जोशी, सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के पुत्र हर्षवर्धन सिंह चौहान, पूर्व विधायक तारा चंद्र बावरिया के पुत्र सौरव बावरिया को सदस्य बनाया गया है शामिल हैं। युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अभिलाष पांडे कहते हैं कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार जनहित के विषय में काम करने में असफल रही है। सरकार के विरोध और युवाओं के हक की लड़ाई लडऩे में युवा मोर्चा चरण बद्ध आंदोलन करेगा। आंदोलन को सुचारू रूप से संचालित करने का काम यह समिति करेगी। जो नेता सक्रिय हैं उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं कांग्रेस नेता पुत्रों की लॉन्चिंग बता रही है।
भाजपा के एक पदाधिकारी कहते हैं कि इस आंदोलन के माध्यम से भाजपा नेता पुत्रों को लाठी, डंडे और झंडे की राजनीति सिखाने जा रही है। जिसमें चुनाव के समय नेता पुत्रों की प्रोफाइल मजबूत की जा सके और जुझारू नेता बताकर टिकट की राह आसान हो सके। दरअसल, वंशवाद के मुद्दे पर चिल्ला-चिल्लाकर हल्ला मचाने वाली भाजपा ने अपने दिग्गज नेताओं के पुत्रों को सक्रिय राजनीति में उतारने की रणनीति के तहत उन्हें कमलनाथ सरकार के खिलाफ आंदोलन की कमान सौंप दी है। वह कहते हैं कि भाजपा ऐसा राजनीतिक दल है, जो खुद को वंशवाद से दूर बताता रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर तमाम नेता वंशवाद का विरोध करते रहे हैं इस बार मोदी ने एक परिवार एक टिकट फार्मूला के तहत नेता पुत्रों को टिकट नहीं दिया पर प्रदेश में नेताओं ने उनकी इस नीति का तोड़ निकाल लिया है। युवा मोर्चा के बैनर तले नेता पुत्रों को चमकने का मौका मिला है। ये लांचिंग आने वाले चुनावों में इनके लिए खासी महत्वपूर्ण साबित होगी।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि नेता पुत्रों की लांचिंग सुनियोजित तरीके से होगी। जनता के बीच मजबूत पकड़ बनाने के लिए नेता पुत्रों को उनके क्षेत्र में आंदोलन को चलाने की जिम्मेदारी दी गई है। नेता पुत्र ग्रामीण अंचल, मंडल, संभाग और जिला स्तर पर सरकार के खिलाफ आंदोलन को चलाएंगे। इस आंदोलन के दौरान नेता पुत्र धरना-प्रदर्शनों को लीड करने के साथ उग्र आंदोलन भी करेंगे। ये अभियान सरकार की वादा खिलाफी, वचन पत्र में की गई घोषणाओं को पूरा नहीं करना, बेरोजगारी, किसानों की कर्ज माफी, बिजली, युवा, अपराध समेत अलग-अलग विषयों पर होगा। युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अभिलाष पांडे कहते हैं कि इस आंदोलन समिति में प्रदेश युवा मोर्चा के पदाधिकारी और कार्यसमिति के सदस्य हैं। हर कार्यकर्ता सुपर स्टार हैं। नेता पुत्रों को एक कार्यकर्ता की तरह काम दिया गया है।
प्रदेश भाजपा की राजनीति में नेता पुत्रों की लॉन्चिंग पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। परिवारवाद को लेकर हमेशा कांग्रेस को पानी पी पी कर कोसने वाली भाजपा अब अपने दिग्गज नेताओं के पुत्रों के माध्यम से जनता की आवाज उठाने की बात कर रही है। हालांकि नरोत्तम मिश्रा के पुत्र सुकर्ण का कहना है कि यह नेता पुत्रों की लॉन्चिंग नहीं, बल्कि लंबे समय से राजनीति के माध्यम से जन सेवा कर रहे भाजपा के सामान्य कार्यकर्ताओं का एक प्रयास मात्र है।
- विशाल गर्ग