19-Jun-2019 08:38 AM
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क्रिकेट विश्व कप में भारत ने अपने पहले दो मैचों में दक्षिण अफ्रीका और आस्ट्रेलिया को हराकर धमाकेदार शुरूआत की है। जबकि न्यूजीलैंड के साथ होने वाला तीसरा मैच बारिश के कारण रद्द हो गया। क्रिकेट के सभी मोर्चों पर खूबियों के लिहाज से देखें तो भारतीय टीम विश्व कप की सर्वश्रेष्ठ टीम है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वही विश्व कप जीतेगी। इतिहास उठाकर देखें तो पाएंगे कि हमेशा सर्वश्रेष्ठ टीम ने ही कप जीता हो, जरूरी नहीं; इसके बजाए मायने यह रखता है कि आपने विश्व कप के दौरान अव्वल क्रिकेट खेला हो और हां, जब आप नॉक-आउट मैचों में होते हैं, तो बस चंद घंटों का उमदा प्रदर्शन आपको ट्रॉफी तक पहुंचा देता है। स्थितियां चाहे कैसी भी रही हों, 50-ओवर वाले फॉर्मेट में भारत अव्वल नजर आता है। भारत के मुख्य प्रतिद्वंद्वियों के रूप में ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड को माना जा रहा है।
ऑस्ट्रेलिया विश्व कप में कोई भी उलटफेर कर सकता है। कुछ महीने पहले ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम बिखरी हुई नजर आती थी, लेकिन अचानक उसकी विश्व कप की टीम बेहद व्यवस्थित और मजबूत दिखती है। ऑस्ट्रेलिया ने कई खामियों को दुरुस्त किया है और डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ की वापसी से टीम संभावित चैंपियन के रूप में दिखती है। भारत ने इस विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया को हराकर अपनी श्रेष्ठता दिखा दी है।
न्यूजीलैंड विश्व कप में हमेशा न्यूजीलैंड की तरह ही रहेगा। उत्साही खिलाडिय़ोंं से सजी टीम, जाहिर है अपना सर्वश्रेष्ठ ही देगी; यदि वह जीतती है तो एक तरह से चौंकाएगी, लेकिन कोई इस बात से इनकार नहीं कर सकता कि साल-दर-साल यह दुनिया में सबसे अधिक पसंद की जाने वाली टीम बनी हुई है। इंग्लैंड का प्रदर्शन सीमित ओवरों के क्रिकेट में आशानुरूप नहीं रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिस निरंतरता के साथ इंग्लैंड की मौजूदगी रही है, वैसी किसी की नहीं रही। लेकिन उनके पास दिखाने के लिए 2010 में जीती वल्र्ड टी-20 चैंपियनशिप के अलावा कुछ भी नहीं है। एक दिवसीय में अपने हाल के प्रदर्शन और फिर विश्व कप अपने ही मैदान पर होने जैसी वजहों से इस बार इंग्लैंड को सबसे बड़े दावेदार के रूप में देखा जा रहा है।
अब भारत पर वापस लौटें। इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान के हाथों फाइनल में मिली हार के बाद भारत की 50 ओवरों की टीम के साथ वास्तव में कुछ अच्छा हुआ तो वह था युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव का टीम में प्रवेश। दोनों टीम में आए और उसका अभिन्न हिस्सा बन गए। तब से भारत की जीत का ग्राफ चढ़ रहा है। चहल और कुलदीप के आने से भारत ने अधिकांश विकेट बीच के ओवरों में निकाले जिसका मतलब है कि डेथ ओवर के गेंदबाजों पर अब कम दबाव रहता है, जिनमें अब दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक जसप्रीत बुमरा और एक फिर से उभरते तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी शामिल हैं। विराट और बुमरा के साथ चहल और कुलदीप गेमचेंजर रहे हैं। हालांकि अब इस जोड़ी के लिए ज्यादा विकेट झटकना उतना आसान नहीं रहा क्योंकि दुनिया गेंदबाजी की उनकी युक्तियों को समझ गई है और बल्लेबाज उनके ओवरों में बेसब्री दिखाकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहेंगे। फिर भी वे विश्व कप मिशन में भारत के प्रमुख हथियार होंगे।
रोहित शर्मा और शिखर धवन के रूप में एक दिवसीय मैचों में भारत के पास नंबर 3 पर खेलने के लिए विराट कोहली के रूप में सबसे महान बल्लेबाज मौजूद हैं, जो रनों का अंबार ही नहीं खड़ा करते, जीत की राह तैयार करते हैं। इस दौरान कई रिकॉर्ड टूट जाते हैं। भारत के पूर्व विश्व कप विजेता कप्तान धोनी के सर्वश्रेष्ठ दिन पीछे छूट चुके हैं, लेकिन वे विकेटकीपर और बल्लेबाज के रूप में टीम की एक बड़ी ताकत हैं। धोनी इस खेल के अब तक के सबसे महान फिनिशरों में से एक हैं जो अभी भी अपने तरीके से इस खेल को अंजाम तक पहुंचाना चाहेंगे।
अभी तक खेले गए दो मैचों में भारत की बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों अव्वल दर्जे की रही है।
-आशीष नेमा