17-Apr-2019 09:58 AM
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पाकिस्तान में अब एक नई बयार बह रही है। इमरान खान जहां एक ओर नए पाकिस्तान का राग अलाप रहे हैं वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी रुपए की कीमत दिन पर दिन गिर रही है। दुनिया से छुपा नहीं है कि पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था के क्या हाल हैं। इमरान खान ने हाल ही में एक गरीबी हटाओ प्लान की घोषणा की है जिसमें उनका कहना है कि वो पाकिस्तान के सबसे गरीब तबके की मदद करेगा। गरीबों को स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार की सुविधाएं देना तो सही लगता है, लेकिन इमरान खान के इस गरीबी हटाओ प्लान में एक बहुत बड़ी खामी है वो ये कि गरीबी हटाने के लिए जो पाकिस्तान को आर्थिक मदद चाहिए वो उसके पास नहीं है और आईएफएम (इंटरनेशनल मॉनिटेरी फंड) से पाकिस्तान 13वीं बार फंड मांग रहा है, लेकिन इस बार पाकिस्तान के लिए ये नाकों चने चबाने जैसा हो गया है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि एहसास (गरीबी हटाओ प्लान) के लिए 80 बिलियन पाकिस्तानी रुपए (3936 करोड़ भारतीय रुपए) की स्कीम लगाई जाएगी और इसे 2021 तक 120 बिलियन कर दिया जाएगा। पाकिस्तान की जनसंख्या 207.2 मिलियन है और इसमें से चौथाई लोग गरीबी रेखा के नीचे रहते हैं।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस समय वेंटिलेटर पर है और इसे सुधारने के लिए इमरान खान ने 2018 में गाडिय़ां यहां तक कि भैसों का काफिला भी बेच दिया था। ताकि विदेशों में रहने वाले अमीर पाकिस्तानियों से दान लिया जा सके। 1980 से लेकर अब तक पाकिस्तान 13वीं बार आईएफएम से पैसे मांग चुका है, लेकिन आईएफएम के अनुसार पाकिस्तान का रुपया और गिरेगा। पाकिस्तान के पास 7 बिलियन डॉलर विदेशी रिजर्व में हैं और इससे बेहतर बंग्लादेश है जिसके पास 33 बिलियन का रिजर्व है। पाकिस्तान की क्रेडिट रेटिंग बी माईनस है और पाकिस्तान को कर्ज देने वाले सऊदी अरब, यूएई, चीन के पैकेज भी पाकिस्तान के लिए पूरे नहीं पड़ रहे हैं। वो पैसा तो इसलिए इस्तेमाल हुआ ताकि पाकिस्तान को विनाशकारी आर्थिक मंदी से बचाया जा सके।
पाकिस्तान को अपना कोई भी प्लान पूरा करने के लिए आईएफएम की मदद की जरूरत है। आईएफएम का कहना है कि अब पाकिस्तान को खाने और तेल में दी जाने वाली सब्सिडी खत्म कर देनी चाहिए ताकि पाकिस्तान के पास पैसा आए, लेकिन अगर ऐसा होता है तो पाकिस्तान भयानक महंगाई के दौर में चला जाएगा और इन्फ्लेशन रेट बहुत बढ़ जाएगा। आईएफएम के हिसाब से पाकिस्तान को उसके मार्केट के हिसाब से पैसा दिया जाएगा। यानी सब्सिडी खत्म होगी और साथ ही साथ पाकिस्तानी रुपए की कीमत और घटेगी।
इमरान खान ने अपना चुनावी कैंपेन इसी आधार पर बनाया था कि वो गरीबी हटाएंगे और यही उनकी जीत का कारण भी बना। इमरान खान ने चुनाव कैंपेन के समय कंटेनर पॉलिटिक्स भी बहुत जोरों पर की थी जब पाकिस्तान की सड़कों पर नवाज सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शिपिंग कंटेनरों के ऊपर चढ़कर किया जा रहा था उसी तरह से अब इमरान खान के खिलाफ उनके विरोधी ट्रेन पॉलिटिक्स कर रहे हैं।
पाकिस्तान में हालात की बात करें तो पाएंगे कि ये देश एक नहीं कई तरह की समस्याओं से जूझ रहा है। आईएफएम ने साफ कहा है कि पाकिस्तान के पास कम अंतरराष्ट्रीय रिजर्व हैं और बहुत ज्यादा फिस्कल डेफिसिट। इसके बाद भी इमरान खान ने कहा है कि पाकिस्तान का ये गरीबी हटाओ प्लान ठीक है और इसे शुरू होना चाहिए। पाकिस्तान की सालाना महंगाई फरवरी 2019 में 7.19 प्रतिशत से बढ़कर 8.21 प्रतिशत हो गई। जून 2014 से लेकर अभी तक में पाकिस्तान में महंगाई सिर्फ बढ़ी ही है। खाने और नॉन एल्कोहॉलिक ड्रिंग के दाम जनवरी में 1.58 प्रतिशत थे तो अब वो 4.52 प्रतिशत हो गए हैं।
हर रोज पाकिस्तान देता है 6 अरब रुपए का इंट्रेस्ट
पाकिस्तान की हालत ऐसी हो गई है कि पिछले साल खुद इमरान खान ने ये बात सार्वजनिक की थी कि ये देश हर रोज 6 अरब रुपए सिर्फ विदेशों से लिए गए कर्ज का ब्याज चुकाता है। इमरान खान के मुताबिक ये लोन पूर्व की सरकारों ने लिया है और यही कर्ज देश को दिन प्रतिदिन गरीब बनाता जा रहा है। हर पाकिस्तानी को 1 लाख 27 हजार रुपए कर्ज चुकाना होगा और सालाना कर्ज 27 प्रतिशत बढ़ेगा। पाकिस्तान पर अभी कुल कर्ज 26,452 बिलियन पाकिस्तानी रुपए है। यानी 190 बिलियन डॉलर। पाकिस्तानी रुपया पिछले एक साल में सिर्फ गिरा है। अगर डॉलर के मुकाबले उसकी कीमत देखी जाए तो डॉलर लगातार महंगा ही हुआ है।
- माया राठी