रार पर वार
07-Dec-2017 06:44 AM 1234953
चुनाव गुजरात में हो रहे हैं लेकिन माहौल ज्यादा रोमांचक बिहार में दिखाई दे रहा है। नीतीश कुमार की मौजूदा सरकार के दो साल हो चुके हैं लेकिन अब भी वहां वैसी बातें हो रही हैं जो बिहार चुनाव के वक्त हुआ करती थीं। गुजरात में चुनाव प्रचार चरम पर होने के बावजूद वहां मर्यादा की बात और उस पर अमल हो रहा है, लेकिन बिहार में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के आपसी इल्जामात घिनौना शक्ल अख्तियार करने लगा है। बिहार चुनाव के वक्त गुजरात मॉडल की बड़ी चर्चा रही, अब एक अलग प्रसंग में बिहार मॉडल उसे कड़ी टक्कर दे रहा है। बिहार चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान के बाद डीएनए विवाद शुरू हुआ था। गुजरात में भी उसका असर नये रेफरेंस में दिखने लगा है, चरित्रहनन के मामले में बिहार की मौजूदा राजनीति गुजरात को पीछे छोड़ती नजर आ रही है। इसी साल फरवरी की बात है। बिहार विधानसभा के स्थापना और विधानमंडल के सदस्यों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम में तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को अपना राजनीतिक गुरू बताया था। तब तेजस्वी, नीतीश सरकार में डिप्टी सीएम थे, लेकिन अब वो बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। तेजस्वी के जिस ट्वीट पर बिहार में राजनीतिक घमासान मचा है उस विवाद के नींव की पहली ईंट किसने रखी ये कहना तो मुश्किल है, लेकिन हवा खुद लालू प्रसाद ने दी ये जरूर कहा जा सकता है। लालू प्रसाद ने जब शराब के होम डिलीवरी और जेडीयू प्रवक्ता के घर शराब की महफिल जमने का आरोप लगाया तो बात ब्लड सैंपल तक पहुंच गयी। जेडीयू नेता आरसीपी सिंह ने कहा कि वो चाय भी नहीं पीते, लेकिन नीरज कुमार कह बैठे कि वो खून का नमूना देने को तैयार हैं, बशर्ते लालू भी दें। फिर संजय सिंह ने तेजस्वी के खून के नमूने की भी मांग कर डाली। बात आगे बढ़ी और जेडीयू नेताओं ने एक लड़की के साथ तेजस्वी को घेरने की कोशिश की। सवाल किया कि वो बताएं कि इस महिला से क्या संबंध है? तेजस्वी ने महिला को महज एक क्रिकेट फैन बताया और कहा कि वो तस्वीर तब की है जब वो आईपीएल में क्रिकेट खेला करते थे। अपने प्रेस कांफ्रेंस में तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर निजी हमले भी किये। तेजस्वी ने पूछा कि उन्होंने ट्रेनों के नाम - अर्चना एक्सप्रेस और उपासना एक्सप्रेस क्यों रखा बतायें। लोक संवाद कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में नीतीश कुमार ने कहा कि वो लालू प्रसाद के सवालों का जवाब नहीं देते क्योंकि वो मीडिया के लिए बयानबाजी करते हैं। तेजस्वी को उन्होंने बच्चा बताया और कहा कि उनके अंदर पिता का स्वभाव है। फिर लालू का कहना था कि तेजस्वी बच्चा नहीं नीतीश का चाचा है। अब तेजस्वी ने एक ट्वीट कर कहा है कि उन्हें गर्व है कि उनमें पिता का स्वभाव है। इसी में तेजस्वी ने नीतीश से पूछा है कि वो दिल पर हाथ रख कर बतायें कि क्या उनके बेटे में उनका स्वभाव है। उधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ट्वीट कर लगातार निशाना साध रहे हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते दिनों पटना में लोक संवाद कार्यक्रम के बाद कहा था कि नेता बनाने का भी आरोप हम पर ही लग रहा है। तेजस्वी प्रसाद यादव तो बच्चे हैं। वे क्या करेंगे? पिता के स्वभाव पर ही जायेंगे। मां-बाप की संपत्ति अंतिम रूप से बेटे को ही जाती है। लालू प्रसाद ने पूरे परिवार को हर तरीके से फंसा दिया है। पूरा परिवार फ्रस्ट्रेशन में है। अब बिहार में यह हालात हैं कि जदयू और राजद के नेता एक-दूसरी पार्टी के नेता को नीचा दिखाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इससे प्रदेश में राजनीतिक माहौल काफी गर्म नजर आ रहा है। द्य विनोद बक्सरी
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