18-Jul-2016 09:12 AM
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पढ़ाई पूरी हुई। कैंपस सलैक्शन से कोलकाता में अच्छी जॉब लग गई। मैं ने एक अच्छे कॉम्प्लैक्स में डबलबैड अपार्टमैंट किराए पर ले लिया। नौकरी ज्वाइन करने भर की देर थी कि माताश्री-पिताश्री ने मेरे लिए अपनी ओर से कन्या फाइनल कर दी। मेरी सहमति के लिए मुझे रांची बुलावा भेजा। मैं चर्च कॉम्प्लैक्स स्थित विशेष रेस्टोरैंट में सुहाना से मिला। हम ने साथ-साथ पनीर कटलेट, पनीर चिली का आनंद लिया। सुहाना बोकारो की थी। उसे रेस्टोरैंट का माहौल बेहद पसंद आया। हम ने नक्षत्र वन में लंबी बातचीत की।
मैं खाने का बेहद शौकीन हूं। चटपटा, मसालेदार खाना पसंद है,ÓÓ मैं ने सुहाना को बताया।
मैं भी कुछ बताना चाहती हूं,ÓÓ मितभाषी सुहाना ने हिम्मत की। अब तक केवल हूं-हां ही कर रही थी।
बेहिचक बताओ। किसी को चाहती हो कोई अफेयर रहा है कोई समस्या हैÓÓ मैं ने कई प्रश्न एक साथ कर दिए। मुझे चिंता हो आई थी। मैं अब तक गोरी चिट्टी, लंबी छरहरी और शर्मीली सुहाना को अपना चुका था।
कुकिंग नहीं आती। कभी की नहीं। अपने बड़े परिवार में रसोइए महाराज लगे हैं। बस खाना जानती हूं,ÓÓ सुहाना ने सिर झुकाए बताया। वह मुसकरा भी रही थी। शायद उस ने मेरी परेशानी भांप ली थी।
नो प्रौब्लम। हम रसोई वाली रख लेंगे। वैसे भी कोलकाता की चिपकू-चिपकू गरमी में कुकिंग सचमुच एक बड़ी प्रौब्लम है... सुहाना सांवली हो जाएगी,ÓÓ मेरी अफेयर वाली चिंता दूर हो चुकी थी। मैं सुहाना को किसी भी हालत में खोना नहीं चाहता था।
मेरी ओकेÓ रिपोर्ट के साथ ही शादी की तैयारी शुरू हो गई। 30 दिनों में ही सुहाना मेरी सुप्रिया, जानेमन, हंप्टी शर्मा की दुलहनिया यानी मेरी प्यारी दुलारी घरवाली बन गई। हम ने मुंबई, गोवा, महाबलेश्वर में हनीमून मनाया। मुंबई के सिनेमाघर में लंबे समय से चल रही दिल वाले दुलहनिया ले जाएंगेÓ देखी। गोवा में सुहाना को बिकनी में कैमरे में उतारा। महाबेलश्वर में स्पैशल स्ट्राबैरी आइसक्रीम का आनंद उठाया। साथ-साथ घुड़सवारी की, डूबते सूरज को निहारा।
रसोई वाली लगेगी तो फिर कोलकाता आ जाऊंगी,ÓÓ सुहाना ने शर्त रखी।
मैं ने कोलकाता में ऑफिस के दोस्तों को पूरा किस्सा सुनाया। मेरे 2 दोस्त साथ ही कॉम्प्लैक्स में अलग-अलग अपार्टमैंट में रहते थे। मैं ने सिक्युरिटी ऑफिस में रसोई वाली की अपनी जरूरत बता दी। अगले दिन सुबह-सुबह रसोई वाली हाजिर हो गई। छुट्टी का दिन था। मैं न्यूज पेपर में उलझा था।
मैं ने रसोई वाली को गौर से देखा। दुबली-पतली, सांवली, बड़ी-बड़ी आंखें, कुल मिला कर सुंदर थी। सिकुड़ीमुड़ी लेकिन साफ-सुथरी सलवार कमीज में थी।
कुकिंग कर लेती हो ÓÓ मैं ने अटपटा प्रश्न पूछ लिया। मैं रसोई वाली के इंटरव्यू के लिए तैयार नहीं था।
मुझे कुकिंग नहीं आती तो ऐसे ही 2 फ्लैटों में रसोई करती ÓÓ सांवली सपाट स्वर में बोली।
आलू के परांठे बना लेती हो ÓÓ नाश्ते में आलू के परांठे, मक्खन, दही और कसे कच्चे आम की मसालेदार चटनी मैं चटखारे लेकर खाता था।
नाश्ते में 6 भरवां परांठे या 12 पूरीभाजी, लंच के लिए 10 रोटियां, पसंद की 1 भाजी। रात के खाने में 6 रोटियां, थोड़े चावल, सूखी भाजी और रसदार सब्जी। इतवार को राइस चिकन, सलाद, चिकन करेगी तो बच्चों के लिए थोड़ा ले जाएगी। नाश्ते का 500, लंच का 1000, डिनर का 1000 लेगी। महीने में 2 दिन छुट्टी करेगी। मंजूर हो तो बोलने का नहीं तो जाएगी,ÓÓ सांवली ने एक ही सांस में अपनी बात पूरी की और फिर लिफ्ट के पास खड़ी हो गई। सारी शर्तें मंजूर हैं...पहली तारीख से आ सकती हो ÓÓ मुझे तुनकमिजाज सांवली पसंद आई। तपे सोने की तरह खरी लगी।
मैं ने सुहाना को पूरी रिपोर्ट दी। बयान करने में मजा आया।
सुंदर है क्या नाम बताया ÓÓ सुहाना ने पूछा।
फोटोजेनिक है...तुम्हारी तरह गोरी और चिकनी नहीं है। नाम तो पूछा ही नहीं,ÓÓ मुझे अपनी गलती का एहसास हुआ।
सांवली पर जनाब फिदा हो गए... घरवाली से जी भर गया... रसोई वाली अब सुप्रिया बनेगी,ÓÓ सुहाना ने मुझे छेड़ा।
-डा. सुरेश मोहन प्रसाद