अबकी बार फिर ट्रंप सरकार
18-Feb-2020 12:00 AM 1391

अमेरिका के निवासी अपने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी नरेंद्र मोदी कहते हैं। अमेरिकी नागरिकों के अनुसार दोनों ही नेताओं की सबसे बड़ी खासियत यह है कि एक बार उनके मन में जो आ जाता है उसे पूरा करके ही वे दम लेते हैं। उन्हें किसी की जरा भी परवाह नहीं होती है। उनकी एक बड़ी खासियत यह भी रही कि मोदी ने अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान भारतीय बहुल इलाके में की गई अपनी रैली में 'अबकी बारी ट्रंप सरकार’ के नारे भी लगवाए थे। अब ट्रंप अगले महीने भारत आ रहे हैं। हाल ही में जिस तरह से ट्रंप को उनके चुनाव के पहले अमेरिकी संसद (सीनेट) ने महाभियोग के आरोप से मुक्त कर दिया है वह उनकी ताकत को दर्शाता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति दुनिया का सबसे ताकतवर व प्रभावशाली व्यक्ति माना जाता है। पिछले साल 24 सितंबर 2019 को सदन की अध्यक्ष नैंसी पोलेसी ने डोनाल्ड ट्रंप पर अपनी हैसियत का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। इस आरोप की जांच के लिए महाभियोग की जांच शुरू करने के आदेश दिए थे। उन पर लगाए गए आरोपों में यूक्रेन के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की पर दबाव डालकर जो बाइडेन व उनके बेटे हंटर के खिलाफ आरोपों के मामले को अपने देश में जांच शुरू करने को कहा था। उन्होंने उनसे कहा था कि वे 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने के मामले की जांच रूस में किए जाने की जगह अपने देश में करें। अमेरिकी गुप्तचर विभाग का मानना था कि रूस इस बात के जरिए दबाव बना रहा है कि यूक्रेन ने 2016 में राष्ट्रपति चुनाव में यह जांच अमेरिका के लिए सही नहीं थी। अमेरिका इंटेलीजेंस समुदाय व गुप्त रिपोर्ट का मानना था कि रूस ने 2016 में राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को फायदा पहुंचाया था।

अमेरिका की प्रतिनिधि सभा को वहां की डेमोक्रेटिक पार्टी का बहुमत है जो कि विपक्ष में है जबकि डोनाल्ड ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी से हैं। वे महाभियोग का सामना करने वाले तीसरे अमेरिकी राष्ट्रपति हैं। उन पर यूक्रेन की मदद से अपना चुनाव जीतने के लिए विपक्षी नेता के खिलाफ दूसरे देश से जांच करवाने का आरोप था। विपक्ष ने कहा कि ऐसा करके अमेरिका के राष्ट्रपति ने अमेरिकी संविधान व राष्ट्रीय सुरक्षा व चुनावों की वैधता पर ही सवाल खड़े कर दिए थे। ट्रंप चाहते थे कि यूक्रेन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बाइडेन जो कि 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में उनके खिलाफ लडऩा चाहते थे उनके खिलाफ अपने यहां भ्रष्टाचार के मामले की जांच शुरू करें। ट्रंप ने आरोप लगाया था कि उपराष्ट्रपति रहते हुए जोर्ड बिडेन ने अपने बेटे हंटर बिडेन की कंपनी के खिलाफ यूक्रेन में की जा रही भ्रष्टाचार की जांच कर रहे एक अधिकारी को हटाने के लिए कहा था। बिडेन ने इसका खंडन किया था जबकि ट्रंप ने अपने आरोप साबित करने के लिए कोई प्रमाण नहीं दिए थे। डेमोक्रेट ने दावा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेन पर दबाव डालने के लिए उसे सुरक्षा के लिए दी जाने वाली 400 अरब डॉलर की मदद रोक दी थी। यूक्रेन द्वारा जांच में देरी किए जाने की खबर आने के बाद ट्रंप ने उसे यह राशि दी। डेमोक्रेट का यह भी आरोप था कि ट्रंप ने अमेरिकी संसद के कामकाज में हस्तक्षेप डालने के लिए अपने प्रशासन के सदस्यों को उसका सहयोग करने से रोका था जो कि वहां के संविधान के खिलाफ था। इसकी पुष्टि करने के लिए अनेक अफसरों ने कहा था कि ट्रंप ने उनसे उस अधिकारी से सहयोग करने को कहा था जो कि उनके पक्ष में जांच कर रहा था। ट्रंप को सबसे बड़ा झटका तब लगा जबकि यूरोपीय यूनियन के अमेरिकी राजदूत गार्डन सोंडलैंड ने खुलासा किया कि ट्रंप ने उन पर यूक्रेन पर दबाव डालने को कहा था व इस काम में प्रशासन के आला अफसर शामिल थे। यूक्रेन समझ गया था कि सुरक्षा के लिए पैसा हासिल करने के बदले उन्हें जांच के आदेश देने पड़ेंगे। मगर अमेरिकी सीनेट (संसद) ने डोनाल्ड ट्रंप को महाभियोग के सभी आरोपों से बरी कर दिया हालांकि पहले से ही यह माना जा रहा था कि ट्रंप बरी हो जाएंगे।

उधर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आगामी 24-25 फरवरी को भारत दौरे पर आने वाले हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस दौरे पर दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर कुछ समझौते हो सकते हैं। हालांकि इसी हफ्ते 13 फरवरी को यूएस के व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लेथाइजर भारत आने वाले थे, लेकिन उन्होंने अपना यह दौरा रद्द कर दिया था। दौरा रद्द होने के लिए अमेरिका की तरफ से कोई वजह नहीं बताई गई थी। रॉबर्ट लेथाइजर के दौरा रद्द करने से भारत को अमेरिका के साथ ट्रेड डील करने की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। हालांकि ऐसी खबरें हैं कि रॉबर्ट लेथाइजर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत आने वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हो सकते हैं। अब देखना यह है कि भारत और अमेरिका में होने वाले समझौते का असर भारत की अर्थव्यवस्था पर कितना पड़ता है। गौरतलब है कि भारत की अर्थव्यवस्था इस समय कमजोर स्थिति में है।

जारी रहेगी जांच

सीनेट में महाभियोग खारिज हो जाने के बावजूद डेमोक्रेटिक पार्टी की देखरेख में चल रही जांच समाप्त नहीं होगी। वहीं दोबारा उन्हें जिताने के लिए की जा रही रैलियों में उनके कट्टर दक्षिणपंथी समर्थकों ने जी जान लगा दी है। इस जीत से खुश ट्रंप अब कह रहे है कि उनके नेतृत्व में नौकरियों का सृजन हो रहा है। लोगों की आय बढ़ रही है। गरीबी कम हुई है। हमारा देश बहुत सम्मानित तरीके से बढ़ रहा है। अमेरिका की किस्मत बुलंद है व भविष्य उज्ज्वल है। उनके कार्यकाल में देश की आजिविका बेहतर हुई है। अमेरिका का सपना लौट आया है। खराब अर्थव्यवस्था का समय लद चुका है। अमेरिका तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। गैर कानूनी तरीके से अमेरिका आने वाले हर व्यक्ति को तुरंत बाहर किया जाएगा। यह सब सुनकर लगा कि ट्रंप नहीं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोल रहे हैं जो कि खुद भी ट्रंप की तरह दक्षिणपंथी ही है। वैसे डोनाल्ड ट्रंप को मोदी की तरह इस बार अपने चुनाव में यह नारा लगाना चाहिए कि 'अबकी बार ट्रंप सरकार’।

- अक्स ब्यूरो

FIRST NAME LAST NAME MOBILE with Country Code EMAIL
SUBJECT/QUESTION/MESSAGE
© 2025 - All Rights Reserved - Akshnews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^