04-Feb-2020 12:00 AM
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बर्फ से घिरी वादियों वाले स्विट्जरलैंड के दावोस में चार दिनों तक चली वल्र्ड इकॉनोमिक फोरम की सालाना बैठक में दुनियाभर के शीर्ष उद्योगपतियों, राजनेताओं सहित करीब 3000 शख्सियतों के बीच मप्र का विकास चर्चा का विषय रहा। इसकी वजह यह रही की मुख्यमंत्री कमलनाथ ने देशी-विदेशी उद्योगपतियों के बीच मप्र में निवेश के लिए जो तस्वीर प्रस्तुत की वह सभी को भा गई। यही नहीं कई निवेशकों ने तो उसी समय निवेश का प्रस्ताव दे दिया, तो कई ने निवेश की इच्छा जाहिर की। इससे यह संभावना बढ़ी है कि मप्र में जल्द ही बड़े-बड़े निवेश आएंगे और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। दावोस में कमलनाथ की उद्योगपतियों से मुलाकात के बाद मध्यप्रदेश में 4125 करोड़ के निवेश पर मुहर लग गई है। इसमें मंडीदीप में स्थित दावत फूड कंपनी लिमिटेड को सऊदी अरब एग्रीकल्चर एंड लाइव स्टॉक इन्वेस्टमेंट कंपनी से 125 करोड़ का विदेशी निवेश मिला है। विप्रो ने भोपाल में यूनिवर्सिटी खोलने पर सहमति जताई है। जापान की सॉफ्ट बैंक एनर्जी और इंग्लैंड की एक्टिस ने 4000 करोड़ की दो सेंट्रल विंड परियोजना में निवेश करने की प्रारंभिक स्वीकृति दी है। दोनों परियोजना 650 मेगावाट की होंगी। वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम की वार्षिक बैठक के तीसरे दिन कमलनाथ ने फोरम के अध्यक्ष बॉर्ज ब्रेंडे और लुलु ग्रुप के मालिक मोहम्मद यूनुस अली से भी मुलाकात की। दावोस में विप्रो के सीईओ अबीदाली नीमचवाला ने कमलनाथ से मिलकर भोपाल में मेगा यूनिवर्सिटी खोलने पर सहमति जताई। यूनिवर्सिटी में बीएड और एमएड सहित अन्य कोर्स पढ़ाए जाएंगे। यूनिवर्सिटी सोशल सेक्टर में भी काम करेगी। कंपनी प्रतिनिधियों ने मुख्य सचिव एसआर मोहंती और उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव राजेश राजौरा से प्रोजेक्ट पर चर्चा भी की। अमेजन वेब सर्विस के वाइस प्रेसीडेंट मेक्स पीटरसन ने मध्यप्रदेश में अमेजन की एंट्री की इच्छा जताई है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, प्रदेश में डाटा सेंटर व्यवसाय के लिए अनुकूल वातावरण है। सरकार सभी सुविधाएं देगी। गौरतलब है कि मप्र पिछले एक साल में रियल स्टेट पॉलिसी बनाने वाला पहला राज्य बना है। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी, नए हैरीटेज होटलों का पंजीकरण और स्टाम्प ड्यूटी रियायत के साथ ही लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम औद्योगिक इकाइयों में से निर्यातक इकाइयों को अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है। निवेश को आकर्षित करने के लिए निवेश नीतियों में दस से अधिक संशोधन पिछले एक साल में किए गए हैं। इससे प्रदेश की आर्थिक दर में वृद्धि और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। राज्य सरकार द्वारा एक वर्ष में प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए ग्रीन इण्डस्ट्रिअलाइजेशन, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, हाई एंड मैन्युफेक्चरिंग के लिए शोध एवं अनुसंधान, रियल स्टेट, खनन क्षेत्र, एमएसएमई विकास नीति एवं पर्यटन सहित निवेश की संभावना वाले क्षेत्र में अधिकाधिक रियायत एवं प्रोत्साहित करने वाले निर्णय लिए गए है। इसका असर यह हुआ है कि प्रदेश में बेरोजगारी कम हुई है। मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास की रफ्तार गति पकड़ रही है और बीते एक साल में राज्य में जहां औद्योगिक क्षेत्र में 32,500 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश हुआ है, वहीं एक लाख नौ हजार से ज्यादा लोगों के लिए रोजगार के अवसर विकसित हुए हैं। यह दावा सरकारी आंकड़ों में किया गया है। आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में पिछले वर्षों की तुलना में बीते 12 माह में स्थापित इकाइयों में 52 प्रतिशत अधिक निवेश हुआ है। उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहन देने के लिए उठाए गए कदमों के चलते वर्ष 2019 में प्रदेश में वृहद, मध्यम और लघु उद्योगों में कुल 32,500 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। इस अवधि में एक लाख नौ हजार 210 रोजगार के नए अवसर भी निर्मित हुए। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि उद्योगों को 773 एकड़ से अधिक विकसित भूमि आवंटित की गई। इससे पहले वर्ष 2018 में 463 एकड़ जमीन ही उद्योगों को आवंटित हो सकी थी। औद्योगिक केंद्र विकास निगम ने विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2019 में 67 प्रतिशत अधिक विकसित औद्योगिक भूमि आवंटित की। इसके साथ ही बिजली की खपत भी 17 प्रतिशत बढ़ी है। अब दावोस में हुई वल्र्ड इकॉनोमिक फोरम की सालाना बैठक में मिले संकेतों के बाद मप्र में और निवेश बढऩे की संभावना है। टाइम बाउंड क्लीयरेंस 2020 एक्ट का मसौदा तैयार मध्यप्रदेश में निवेश को आकर्षित करने, युवाओं को रोजगार के व्यापक अवसर उपलब्ध करवाने और प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर टाइम बाउंड क्लीयरेंस एक्ट 2020 का मसौदा तैयार किया गया है। वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम की वार्षिक बैठक के लिए मुख्यमंत्री की चार दिवसीय दावोस यात्रा के दौरान उद्योगपतियों को इस मसौदे के साथ ही राज्य सरकार की निवेश मित्र नीतियों के बारे में जानकारी दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने पिछले एक वर्ष में प्रदेश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए जो प्रयास किए हैं उनमें सबसे महत्वपूर्ण है निवेशकों के अंदर विश्वास की वापसी के साथ ही ऐसे अनेक निर्णय लेना जिससे उद्योगपति मध्यप्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए प्रेरित हुए हैं। मुख्यमंत्री का मानना है कि परिणाम देने के लिए यह जरूरी है कि हर काम का समय सुनिश्चित हो और निर्धारित अवधि में वह काम हो। अपनी इस सोच को राज्य शासन की कार्य-संस्कृति में परिवर्तित करने के प्रयासों के साथ ही निवेश के क्षेत्र में भी मुख्यमंत्री ने विशेष पहल की है। उद्योग लगाने के इच्छुक लोगों को विभिन्न विभागों से समय पर उनके प्रोजेक्ट को क्लीयरेंस मिले, इस संबंध में जल्द ही एक सुनियोजित नीति बनाई जाएगी, जिसे कानून का स्वरूप दिया जाएगा। - श्याम सिंह सिकरवार