8 साल बाद विधायकों को उत्कृष्टता पुरस्कार
03-Mar-2022 12:00 AM 484

 

संसदीय परंपरा में सांसदों और विधायकों के कार्यों का आंकलन कर सम्मान करने की परंपरा पुरानी है। मप्र में 2008 से पहले विधायकों को उत्कृष्टता पुरस्कार दिया जाता था, लेकिन कतिपय कारणों से यह बंद हो गया था। जिसे एक बार पुन: शुरू किया जा रहा है। इसके लिए विधायकों की परफॉर्मेंस का आंकलन हो रहा है।

मप्र विधानसभा सचिवालय एक बार फिर से संसदीय उत्कृष्टता पुरस्कार देने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए विधायकों की सदन में परफॉर्मेंस का आंकलन कराया जा रहा है। इस आंकलन के बाद विधायकों को उत्कृष्टता पुरस्कार दिया जाएगा। विधायकों के साथ ही उत्कृष्ट मंत्रियों और पत्रकारों को भी पुरस्कृत किया जाएगा। गौरतलब है कि संसदीय उत्कृष्टता पुरस्कार 2008 से नहीं दिए जा रहे हैं। हालांकि बीच-बीच में प्रयास हुए, लेकिन चयन नहीं हो सका।

जानकारी के अनुसार 8 साल बाद एक बार फिर विधानसभा सचिवालय उत्कृष्ट मंत्रियों, विधायकों और पत्रकारों को पुरस्कार देने जा रहा है। इसके लिए चयन समितियां गठित की गई हैं। इनकी अनुशंसा पर ये उत्कृष्ट पुरस्कार दिए जाएंगे। पर इस बार विधायकों के लिए माइनस मार्किंग का पैटर्न भी रखा गया है।  विधानसभा संसदीय उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान करती थी पर पिछले 8 सालों से ये पुरस्कार बंद थे। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने एक बार फिर इन्हें शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए विधायकों को कई कसौटियों पर परखा जाएगा। विधानसभा में विधायक जनहित के मुद्दे उठाएं। ज्यादा से ज्यादा समय तक उपस्थित रहें। चर्चा में भाग लें। इसे प्रोत्साहित करने विधानसभा श्रेष्ठ विधायकों का चयन करेगी। इसके लिए समिति विधायकों के काम-काज का मूल्यांकन कर रही है। प्रत्येक काम के अंक तय किए गए हैं। जनहित के मुद्दे उठाने, उनकी जागरूकता, बेहतर आचरण के अंक मिलेंगे। यदि कोई विधायक सदन की गरिमा के विपरीत आचरण करता है तो निगेटिव मार्किंग होगी।

उत्कृष्ट विधायक के लिए विभिन्न मापदंड तय किए गए हैं तथा उसके अंक भी निर्धारित  किए गए हैं। इनमें सदस्य का अनुभव, वाद-विवाद कौशल, जनहित के मुद्दों के संबंध में जागरूकता, उठाए गए मुद्दों का वैविध्य एवं गंभीरता, मुद्दे के प्रस्तुतीकरण का तरीका, भाषा पर नियंत्रण इन सभी के पांच-पांच अंक तय किए गए हैं। वहीं संसदीय नियम प्रक्रियाओं का ज्ञान, उनका सदन के बाहर और भीतर पालन, सभा की स्थापित परंपराओं, रूढ़ियों एवं प्रथाओं के प्रति दृष्टिकोण, प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमों में आस्था के 7 अंक तय किए गए हैं। अध्यक्ष तथा पीठासीन अधिकारी के निर्देशों के पालन में बरती गई तत्परता, सदस्य का सदन के भीतर और बाहर आचरण के 5-5 अंक दिए जाएंगे। वहीं सभा की व्यवस्था एवं शांति के स्थापन में असहयोग और प्रतिगामी रूख पर 5 अंक माइनस कर दिए जाएंगे। इसी तरह सदन की गरिमा के विपरीत आचरण पर 10 अंक माइनस होंगे। आंसदी द्वारा दी गई व्यवस्था पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने, अवहेलना करने या  अनुचित ठहराने की प्रवृत्ति पर 5 अंक माइनस किए जाएंगे। सदन की कार्यवाही में नियमित उपस्थिति पर 10 अंक, अन्य दलों के प्रति सहिष्णुता के 5 अंक, सभा में पूछे जाने वाले प्रश्नों की गुणवत्ता तथा प्रस्तुति के ढंग पर 8 अंक और सभा के संचालन में गतिरोध की दशा में उससे उबरने में किया गया सहयोग एवं प्रयास के 10 अंक दिए जाएंगे। 20 अंक समग्र मूल्यांकन पर समिति अपने विवेक सेे देगी। यानी विधायकों का मूल्यांकन 100 अंको पर होगा।

मप्र विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम का कहना है कि लंबे समय से बंद संसदीय पुरस्कारों को शुरू किया जा रहा है। यह बेहतर काम-काज को प्रोत्साहित करने का प्रयास है। पुरस्कारों के लिए चयन समिति काम-काज का मूल्यांकन कर रही है। विधानसभा के संसदीय उत्कृष्टता पुरस्कार 2008 से नहीं दिए जा रहे हैं। हालांकि बीच-बीच में प्रयास हुए, लेकिन चयन नहीं हो सका। अब विधानसभा संसदीय पुरस्कार फिर शुरू कर रही है। इनमें श्रेष्ठ मंत्री, विधायकों के साथ ही विधानसभा के श्रेष्ठ अधिकारी, कर्मचारी का चयन भी होगा। इसके लिए गठित समिति ने पिछले सत्र में मंत्री, विधायकों के काम-काज का मूल्यांकन किया। एक-एक विधायक के काम-काज का बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है। उत्कृष्ट मंत्री का चयन सदन में दिए जाने वाले उसके उत्तरों की अभिव्यक्ति, शैली, गुणवत्ता समेत आश्वासनों की प्रतिपूर्ति, वाद-विवाद कौशल आदि को ध्यान में रख किया जाएगा। इसमें सदन में उठाए गए मुद्दों पर मंत्री का रूख, गंभीरता, भाषा पर नियंत्रण, संसदीय नियम प्रक्रियाओं का ज्ञान, कार्यवाही में उपस्थिति आदि का भी ध्यान रखा जाएगा।

इन श्रेणियों में मिलेंगे उत्कृष्टता पुरस्कार

उत्कृष्ट विधायक पुरस्कार पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा की स्मृति में दिया जाएगा। उत्कृष्ट मंत्री पुरस्कार पूर्व मुख्यमंत्री रविशंकर शुक्ल की स्मृति में और उत्कृष्ट संसदीय मीडिया पुरस्कार पूर्व नेता प्रतिपक्ष जमुनादेवी की स्मृति में प्रिंट मीडिया और वरिष्ठ पत्रकार मानकचंद वाजपेई की स्मृति में इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकारों को दिया जाएगा। उत्कृष्ट विधानसभा अधिकारी पुरस्कार प्रथम विधानसभा अध्यक्ष पंडित कुंजीलाल दुबे की स्मृति में और उत्कृष्ट कर्मचारी पुरस्कार प्रदेश के प्रथम विधानसभा सचिव खं.के. रांगोले की स्मृति में दिया जाएगा। यह पुरस्कार साल में एक बार दिए जाएंगे। प्रत्येक वर्ग हेतु पुरस्कार की संख्या न्यूनतम एक और अधिकतम तीन होगी। पुरस्कार में एक प्रमाण पत्र, एक शील्ड तथा चयन समिति द्वारा तय राशि का चैक दिया जाएगा।

- सुनील सिंह

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